नदी की जलधारा से छेड़छाड़ कर किया जा रहा अवैध खनन
1 min readकिसानों ने एसडीएम को पत्र सौंप लगाई न्याय की गुहार
रिपोर्ट-शैलेन्द्र सिंह पटेल
हमीरपुर। सुप्रीम कोर्ट और पर्यावरण मंत्रालय के आदेश की जिले के मौरंग माफिया खुले आम धज्जियां उड़ा रहे है। मौरंग माफिया नदी की जलधारा से छेड़छाड़ कर अवैध का निर्माण कर अवैध खनन करने में मशगुल है।जिससे नदी का प्राकृतिक स्वरूप बिगड़ता जा रहा है। जबकि सुप्रीम कोर्ट और पर्यावरण मंत्रालय से जारी आदेश में स्पष्ट है कि नदी के स्वरूप से कोई छेड़छाड़ न करें।वहीं खनन माफिया द्वारा किसानों के खेतों से अवैध खनन किए जाने से नाराज किसानों ने उपजिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।
बता दें कि बीते महीनों में प्राकृतिक आपदा के चलते किसानों को भारी नुकसान हुआ है।नदियों का जलस्तर कम होते ही जिले में मौरंग खदानों का संचालन पूरी तरह से शरू भी नहीं हो पाया है। वहीं चिकासी थाना क्षेत्र के जिगनी खड़ंवाच खंड संख्या 1 में मौरंग माफिया द्वारा नदी की जलधारा को प्रभावित कर नदी के बीचोबीच अवैध पुल का निर्माण कर खनिज नियमावली की वेधड़क धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जीवनदायनी बेतवा नदी को जलधारा को भी बाधित किया जा रहा है। पैसों की लालच में अंधे ये खनन माफिया ना तो प्रशासन की बात सुनते है और ना ही एन जी टी के नियमों का पालन करते हैं। यहां कैमरे के नाम पर महज दिखावा लगा है। धर्म कांटे के नाम पर मात्र बेवकूफ बनाने का धंधा चल रहा है। अगर इसी तरह धुआंधार अवैध खनन होता रहा तो वह दिन दूर नहीं होगा जब जनपद हमीरपुर में एक एक बूंद के लिए लोग तरसेंगे और अधिकारी सिर्फ तमाशा देखने के अलावा और कुछ नहीं कर पाएंगे।
बुंदेलखंड के चर्चा में बने रहने वाले हमीरपुर जिले में मात्र तीन माह के लिए ही अवैध खनन थमता है। इसके पश्चात अक्टूबर माह से मौरंग माफिया अपनी मनमानी में जुट जाते है। वहीं जिगनी खड़ंवाच खंड 1 में मौरंग माफिया द्वारा दबँगई के बल पर किसानों के खेतों से मौरंग का अवैध खनन किया जा रहा है। जिससे नाराज किसानों ने शनिवार को सरीला उपजिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंप कर मौरंग माफिया द्वारा उनके खेतों से किए जा रहे अवैध खनन की जांच कर कार्यवाही की करने की मांग की है।