जयगुरुदेव धर्म प्रचारक द्वारा निकाली गई 108दिवसीय जनजागरण यात्रा
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रिपोर्ट -ब्यूरो बलरामपुर
गैंडास बुजुर्ग (बलरामपुर) 07 अक्टूबर। जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के मुख्यालय, मथुरा से संस्थाध्यक्ष सन्त पंकज महाराज के अगुवाई में निकली 108 दिवसीय शाकाहार-सदाचार मद्यनिषेध आध्यात्मिक जनजागरण यात्रा अपने चवनवें पड़ाव विकास खण्ड गैंडास बुजुर्ग के ग्राम बनहा बंजरिया पहुंची। स्थानीय भाईयों, बहनों, बच्चों ने गाजे-बाजे व पुष्पवर्षा से यात्रा का स्वागत किया।आज यहां आयोजित सत्संग सभा में सन्त ने कहा कि जन्म-जन्मान्तरों के पुण्य कर्मों व प्रभु की दया से यह अनमोल मानव तन प्राप्त हुआ। पैदा होने से पहले सबने ईश्वर से प्रार्थना किया था कि अबकी बार मानव तन दे दीजिए, हम आपकी भक्ति करेंगे, भजन करेंगे। लेकिन जब बड़े हुये तो वादा भूल गये और मन के कहने पर संसार में फंस कर खोटे बुरे कर्म करने लगे। समय पूरा होने पर जीवात्मा शरीर से निकाल कर धर्मराज की कचहरी में पेश कर दी जायेगी। जरा सी देर में हिसाब कर्मों का हो जायेगा। सजा सुना दी जायेगी, जीवात्मा नर्कों में डाल दी जायेगी। जहां रोने-चिल्लाने की आवाज लाखों मील तक जायेगी। कोई सुनने व बचाने वाला नहीं। सन्त, महात्मा, फकीर जब साधना करके ऊपर के मण्डलों में जाते हैं तो जीवों को मिल रही भयानक यातनाओं को देखते हैं तो द्रवित होकर सावधान व सचेत करते हैं। इसलिये आप अपनी आत्मा के कल्याण की चिन्ता कीजिये। अंतिम समय सुई की नोक के बराबर कुछ साथ नहीं जायेगा।उन्होंने कलियुग की सरल साधना, सुरत-शब्द योग (नाम योग) पर प्रकाश डाला तथा गृहस्थ आश्रम में रहकर इस साधना की क्रिया को समझाया। साधना में चढ़ाई का वर्णन करते हुये बताया कि शब्द (आकाशवाणी) को पकड़ कर आत्मा सेकेण्डों में अरबों-खरबों मील का सफर कर लेगी। शब्द में इतना आकर्षण है कि जब आप सुनेंगे दुनिया भूल जायेंगे। आप का जीवन धन्य हो जायेगा।सन्त ने मानवतावादी बनने पर जोर दिया। दया, अहिंसा के रास्ते पर चलने की अपील किया और कहा जीवों, पशु-पक्षियों की बेरहमी से हिंसा हो रही इसका बदला चुकाना पड़ेगा। आप सबसे विनम्र प्रार्थना है कि शाकाहारी-सदाचारी बनें। शराब व अन्य घातक नशों का त्याग करें।इस अवसर पर बलरामपुर संगत अध्यक्ष शेषराम यादव, आयोजक छोटू यादव, अमित मिश्र ग्राम प्रधान, शोभाराम वर्मा, राधेश्याम वर्मा, हेमराज, सिद्धार्थ नगर संगत के अध्यक्ष बुधराम पाल, मंगरू चौरसिया व रामपुर संगत के ज्ञान सिंह, डा. टीकाराम आदि सहित संस्था के कई पदाधिकारी एवं प्रबन्ध समिति के सदस्य मौजूद रहे।