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प्लास्टिक फैक्ट्री की आड़ में हो रहा था मृत पशुओं का कारोबार, ग्रामीणों में आक्रोश

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रिपोर्ट प्रमोद कुमार चौहान

बिना अनुमति चल रही थी फैक्ट्री,अधिकारियों को नहीं थी जानकारी

कर्नलगंज,गोण्डा। तहसील क्षेत्र के ग्राम लालेमऊ में प्लास्टिक फैक्ट्री के नाम पर चल रहा बड़ा खेल सामने आया है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां प्लास्टिक गलाकर उसके दाने बनाए जाएंगे, यह जानकारी दी गई थी।लेकिन कुछ दिनों बाद जब फैक्ट्री के आसपास भयंकर दुर्गंध फैलने लगी,तो लोगों ने अंदर जाकर देखा। वहाँ का नज़ारा देख ग्रामीणों के होश उड़ गए। फैक्ट्री में मृत जानवरों के अवशेष पड़े मिले। जिससे पूरे इलाके में सांस लेना तक मुश्किल हो गया है। इसकी दुर्गंध से ग्रामीणों को भोजन फेंकना पड़ रहा है क्योंकि बदबू सहन नहीं हो रही है।गोरखनाथ ठेकेदार के नाम पर चल रहा था खेल।जब ग्रामीणों ने फैक्ट्री संचालक से लाइसेंस मांगा,तो उसने एक विजिटिंग कार्ड दिखाया, जिस पर लिखा था- “गोरखनाथ ठेकेदार, गद्दोपुर – मृत पशु उठाने के लिए संपर्क करें।” लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इस फैक्ट्री का पता चौरी चौराहे का था, फिर 20 किमी दूर लालेमऊ में यह कैसे चल रही थी। ग्रामीणों के विरोध पर फैक्ट्री कर्मी भागने लगे। रविवार को जिला पंचायत सदस्य विवेक सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने विरोध किया, तो वहां मौजूद कर्मचारी धीरे-धीरे भागने लगे। अब ग्रामीणों ने प्रशासन से इस अवैध फैक्ट्री को हटाने की मांग की है।आखिर कब जागेगा प्रशासन? जब इस मामले में जब उपजिलाधिकारी कर्नलगंज से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस फैक्ट्री की कोई जानकारी नहीं है। जबकि ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर और थाना दिवस पर शिकायत दर्ज कराई है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस अवैध फैक्ट्री पर क्या कार्रवाई करता है? या फिर ग्रामीणों को इस बदबू के बीच जीने के लिए मजबूर होना पड़ेगा?

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