प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन बिल से नाराज वकीलों ने प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया
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रिपोर्ट -राम चरित्र वर्मा
उतरौला (बलरामपुर) केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन बिल से नाराज वकीलों ने तहसील परिसर में प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया। साथ ही अपनी मांगों से संबंधित राष्ट्रपति को सम्बोधित आठ सूत्री ज्ञापन उप जिला अधिकारी अवधेश कुमार को सौंपा । अधिवक्ता संघ अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा बार काउंसिल में तीन सदस्य नामित होने से बार काउंसिल की स्वायत्तता पूरी तरह से खत्म हो जाएगी जिससे अधिवक्ताओं के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। धारा 35 ए मे संशोधन से अधिवक्ता के शांतिपूर्ण आंदोलन पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा साथ ही स्वतंत्रता के अधिकार पर असर पड़ेगा । इस धारा के अंतर्गत अधिवक्ताओं को बिना वेतन सरकार के अधीन बना दिया जाएगा। धारा नौ के संशोधन से अधिवक्ता स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर पाएंगे जो की पूरी तरह से अधिवक्ता हित के स्वतंत्रता का हनन होगा। महामंत्री अजीत कुमार सिंह ने कहा कि सजाया आपका अधिवक्ताओं को कुछ नियत समय सीमा तक ही विद व्यवसाय करने से रोका जाए साथ ही 49 ए के अंतर्गत विदेशी ला फर्म को विधि व्यवसाय की अनुमति दी जाती है तो इससे अधिवक्ता व्यवसाय पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। साथ ही यदि इसमें संशोधन किया गया तो देश के अधिवक्ता पूरी तरह से केंद्र के अधीन हो जाएंगे । इस संशोधन के माध्यम से अधिवक्ताओं के ऊपर अनुचित जुर्माने का प्राविधान संशोधन के माध्यम से जोड़ा जा रहा है जो पूर्णतया अवैधानिक है तथा सरकार द्वारा अधिवक्ताओं के ऊपर दमनकारी नीति अपनाने व ब्रिटिश काल कानून लाने का प्रयास किया जा रहा है जिसका अधिवक्ता संघ पुरजोर विरोध करता है। अधिवक्ताओं ने केंद्र सरकार के प्रस्तावित संशोधन को तत्काल वापस दिए जाने की मांग की है। रामप्रताप चौधरी, मार्कंडेय मिश्र रामचंदर जयसवाल परशुराम यादव प्रह्लाद यादव अमित श्रीवास्तव सुधीर श्रीवास्तव राकेश श्रीवास्तव विनय श्रीवास्तव ,मुस्तफा हुसैन,जितेंद्र नाथ चौधरी,सोनू गुप्ता,मनीष पांडेय,विनीश गुप्ता,दीपक गुप्त सुरेन्द्र श्रीवास्तव, मारुति नंदन धर्मराज यादव नाजिर मलिक आशीष कसौधन राकेश सिंह अंकुर श्रीवास्तव , निजामुद्दीन अंसारी,शहबाज फजल,आरिफ सिद्दीकी,समेत भारी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।